Agun Sagun Bich
$2 – $5
ISBN: 978-81-7309-5
Pages: 197
Edition: First
Language: Hindi
Year: 2011
Binding: Hard Bound
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Description
समकालीन हिंदी साहित्य में रचना और आलोचना के क्षेत्र में प्रो. रमेशचंद्र शाह एक जाने-माने नाम हैं। लगभग चार दशकों से वे सृजन और आलोचना के क्षेत्र से संबद्ध है। उनके लेखन का एक अपना अलग मुहावरा है। भारतीयता, परंपरा, संस्कृति और साहित्य को वे अनवरत संस्कार की परंपरा से जोड़ते हैं। उनके लिए। अपने को निरंतर माँजना ही आधुनिकता का पर्याय है।
‘अगुन सगुन बिच’ उनके निबंधों का संग्रह है। इससे पहले मंडल से उनकी पुस्तक ‘देहरी की बात’ प्रकाशित हो चुकी है। जो पाठकों द्वारा काफी सराही गई। इस पुस्तक में – लेखक ने साहित्य, संस्कृति, सभ्यता, मिथ और मनोजगत विषयक निबंधों के माध्यम से अपने मौलिक विचार प्रस्तुत किए हैं। रमेशचंद्र शाह के निबंधों में उनकी सृजन पर भाषा का आस्वाद मिलता है। आशा है उनकी यह पुस्तक भी पाठक द्वारा सराही जाएगी।
Additional information
Weight | 600 g |
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Dimensions | 14,5 × 22,5 × 2 cm |
Book Binding | Hard Cover, Paper Back |
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