APNE APNE RAM (HB)
₹500
ISBN: 978-81-7309-891-8
Pages: 500
Edition: 1st
Language: Hindi
Year:
Binding: Hard Bond
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Description
भारतीय वाङ्मय के आधिकारिक विद्वान श्री भगवान सिंह की अनुपम कृति है अपने-अपने राम’। राम का चरित्र भारतीय साहित्य में रमा हुआ है। उनके व्यक्तित्व की यह विशेषता है कि विभिन्न भाषाओं में अब तक राम को आधार बनाकर हजारों रचनाएँ लिखी जा चुकी हैं। इसके बावजूद रचनात्मक स्रोत रचनाकारों के लिए कम नहीं हुआ है। हिंदी में तुलसीदास से लेकर निराला तक और उसके बाद के रचनाकारों ने भी राम को आधार बनाकर महत्त्वपूर्ण कृति का सृजन किया। इस कड़ी में यह महाकाव्यात्मक औपन्यासिक रचना स्वयं में महान रचना स्थापित करता है।
इस पुस्तक के प्रकाशन के साथ ही पाठकों और समीक्षकों ने इसे हाथों-हाथ लिया। प्रसिद्ध आलोचक नामवर सिंह ने विश्व की श्रेष्ठतम कृति कहा और यह भी माना कि इसमें कोई दोष नहीं है। ‘हंस’ के संपादक राजेंद्र यादव ने इसकी समीक्षा प्रमुखता से अपनी पत्रिका में छापी। इसकी लोकप्रियता बहुतों के लिए ईष्र्या का केंद्र भी बनी। सस्ता साहित्य मण्डल के लिए यह गौरव की बात है कि सभ्यता विमर्श की अनन्य रचना ‘ अपने-अपने राम’ का प्रकाशन वह करने जा रहा है। हमें पूरा विश्वास है कि अधिक-से- ‘अधिक पाठकों के बीच यह रचना मण्डल के माध्यम से पहुँचेगी, साथ ही ‘लोग अपने स्वजनों को उपहार के रूप में यह पुस्तक भेंट करेंगे।
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