Baba Kee Chhatrachhaya Main (HB)
₹300
ISBN: 978-81-7309-5
Pages: 251
Edition: First
Language: Hindi
Year: 2011
Binding: Hard Bound
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Description
प्रस्तुत पुस्तक भारतीय गणतंत्र के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की पौत्री (स्वः मृत्युंजय प्रसाद जी की पुत्री) डॉ० तारा सिन्हा की लिखी हुई है। इसमें उन्होंने राष्ट्रपति भवन की विभिन्न गतिविधियाँ और सरस संस्मरण दिए हैं। इन संस्मरणों का पटल विशाल है। राजेंद्र बाबू का जीवन यद्यपि सरल और सादा था, तथापि उनकी रुचियाँ बहुत ही व्यापक थीं। धर्म, संस्कृति, दर्शन, शिक्षा, राजनीति, साहित्य आदि सब में वह गहरी दिलचस्पी रखते थे। राष्ट्रपति भवन आए दिन इन प्रवृत्तियों से मुखरित होता रहता था।
लेखिका उन प्रवृत्तियों से अधिकांशत: संबद्ध रहीं। यात्राओं में भी प्राय: अपने बाबा के साथ गईं। यही कारण है कि उनके विवरण बड़े ही सजीव और रोचक हैं। उन्हें पढ़ते-पढ़ते अत्यंत मधुर तथा बोधप्रद चित्र सामने आ जाते हैं। इन चित्रों से राजेंद्र बाबू के महान व्यक्तित्व और कृतित्व पर भी प्रकाश पड़ता है।
लेखिका की भाषा और लेखन शैली बड़ी सरस तथा प्रवाहपूर्ण है। समें शब्दों का आडंबर नहीं है। उन्हें जो कहना है, वह सीधे-सादे कितु प्रांजल भाषा में कह दिया है। इसी से पुस्तक पढ़ते समय निराला आनंद आता है।
Additional information
Weight | 500 g |
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Dimensions | 14.5 × 22.3 × 1.9 cm |
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