Dasharath Nadan Shriram (PB)
₹150
ISBN: 978-81-7309-3
Pages: 312
Edition: Fifth
Language: Hindi
Year: 2010
Binding: Paper Back
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Description
राजाजी जैसे समर्थ लेखक ने यह पुस्तक रामायण के तीन संस्करणों अर्थात् वाल्मीकि, तुलसी तथा कंबन के अध्ययन के पश्चात् प्रस्तुत की है। अनके घटनाओं का वर्णन किस प्रकार किया है और किसमें क्या विशेषता है। पाठकों के लिए यह तुलनात्मक विवेचन बड़े काम का है। पुस्तक का अनुवाद मूल तमिल से श्रीमती लक्ष्मी देवदास गांधी ने किया है। विद्वान् लेखक की सुपुत्री होने के कारण इस कृति से उनकी आत्मीयता होना स्वाभाविक है, लेकिन इतनी बड़ी पुस्तक का इतना सुंदर अनुवाद, बिना उसके रस में लीन हुए, संभव नहीं हो सकता था। लक्ष्मीबहिन की मातृभाषा तमिल है, पर हिंदी पर उनका विशेष अधिकार है। इस पुस्तक के अनुवाद में उन्होंने जो असाधारण परिश्रम किया है, उसके लिए हम उनके आभारी हैं।
Additional information
Weight | 340 g |
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Dimensions | 13.5 × 21.1 × 1.10 cm |
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