Geetanjali
$4 – $8
ISBN: 978-81-7309-5
Pages: 339
Edition: First
Language: Hindi
Year: 2011
Binding: Paper Back
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Description
कवींद्र रवींद्र की नोबेल पुरस्कार प्राप्त विश्वप्रसिद्ध कृति ‘गीतांजलि’ आधुनिक भारतीय साहित्य की वह अन्यतम कृति है जिस पर हम सभी भारतीयों को गर्व है। विश्वकवि ने विश्व मानव को प्रेम और मानवता का जो अद्भुत गीत दिया। वह आज की भागम-भाग भरे समय में और भी प्रासंगिक हो गया है। इस महान कृति ने विश्व-साहित्य को भारत की ओर से अनुपम उपहार दिया है। स्वयं रवींद्रनाथ ठाकुर द्वारा किए गए ‘गीतांजलि’ के अंग्रेजी अनुवाद की भूमिका में डब्ल्यू.बी. येट्स ने ठीक ही लिखा है कि “एक प्रकार की निर्दोषता और सरलता जो किसी भी साहित्य में अन्यत्र दिखाई नहीं पड़ती और परिणामस्वरूप चिड़ियाँ और पत्तियाँ उनके लिए बच्चों के समान अनुभूति-योग्य हो जाती हैं और हमारे विचारों के सम्मुख महती घटनाओं की तरह ऋतु परिवर्तन उनके और हमारे बीच आ उपस्थित होता है।”
विश्वकवि की एक सौ पचासवीं जयंती के अवसर पर मंडल द्वारा ‘गीतांजलि’ का प्रकाशन हमारे लिए गौरव की बात है। लालधर त्रिपाठी प्रवासी’ के मौलिक अनुवाद से नि:संदेह पाठकों को मूल पाठ का आस्वाद मिलेगा।
Additional information
Weight | 270 g |
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Dimensions | 14 × 21,5 × 1,15 cm |
Book Binding | Hard Cover, Paper Back |
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