Khalil Jibran : Partinidhi Rachanayen
$8 – $18
ISBN: 978-81-7309-4
Pages: 812
Edition: First
Language: Hindi
Year: 2010
Binding: Paper Back
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Description
आज जब समाज में नैतिक या मानवीय गुणों का बड़ी तेजी से क्षरण हो रहा है और आज का इनसान हानि-लाभ से आगे बढ़कर कुछ भी सोच नहीं पा रहा है, ऐसे समय में ख़लील जिब्रान का साहित्य अँधेरे में मशाल की तरह दिखता है। ख़लील जिब्रान बीसवीं शताब्दी के महान विचारक, कवि, लेखक और चित्रकार थे। उनकी रचनाएँ संसारभर में पढ़ी और सराही जाती हैं।
ख़लील जिब्रान ऋषि परंपरा के कवि और लेखक थे, इसके बावजूद उनकी रचनाएँ अन्याय और बुराइयों से लड़नेवाला प्रतिरोध का साहित्य है। ख़लील जिब्रान मूलतः अरबी के लेखक थे, हालाँकि उन्होंने अंग्रेजी में भी काफी रचनाएँ लिखी थीं। आज उनकी रचनाओं का अनुवाद संसार की लगभग पच्चीस भाषाओं में हो चुका है। ख़लील प्रेम, सौंदर्य और मानवीय गरिमा के पक्ष में जीवनभर लिखते रहे। ‘सस्ता साहित्य मंडल’ से उनकी अनेक रचनाएँ स्वतंत्र रूप से छपती रही हैं, किंतु उनका समग्र प्रकाशन पाठकों के लिए एक उपहार ही नहीं, धरोहर भी है। पूरा विश्वास है कि ख़लील जिब्रान का एकत्र संकलन पाठकों के बीच ही नहीं, समाज में भी अपनी उपादेयता सिद्ध करेगा।
Additional information
Weight | 860 g |
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Dimensions | 14 × 21,5 × 4,2 cm |
Book Binding | Hard Cover, Paper Back |
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