Maa Main Jail Main Hoon
$2 – $5
Author: SURENDRA KUMAR SHARMA
Pages: 126
Edition: 1st
Language: Hindi
Year: 2016
Binding: Paper Back
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Description
इस पुस्तक के लेखक सुरेंद्र कुमार शर्मा अपराध में लिप्त तरुण कैदियों के बीच लंबे समय से काम करते आ रहे हैं। इससे पहले भी उन्होंने ‘बंदियों की आत्मकथाएँ’ पुस्तक के माध्यम से अपने अनुभवों को पाठकों के सामने प्रस्तुत किया, जिसे काफी सराहना मिली । हमारे देश में वर्तमान में बाल और तरुण अपराध की संख्याओं में लगातार वृद्धि होती जा रही है। आर्थिक असमानता, सूचनाओं की बाढ़ और अवसरों के अभाव के कारण तरुणों की एक बड़ी संख्या हिंसा और नशे में लिप्त होते जा रहे हैं। आज के समय में प्रेमचंद के ‘ईदगाह’ का हामिद जैसे बाल पात्र शायद ही मिले जो अपने ‘अभाव को अपनी ताकत बना ले।
लेखक ने इस पुस्तक में जेलों में बंद तरुण कैदियों से मिलकर बातचीत के आधार पर यह पुस्तक तैयार किया है, जो हमारे समाज के भयावह सच को ‘उजागर करता है। अपराधियों से घृणा करना एक आम मानसिकता है, लेकिन कोई अपराधी जिस परिवेश एवं परिस्थिति में पैदा होता है उस पर विचार करनेवाले बहुत कम होते हैं।
Additional information
Weight | 150 g |
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Dimensions | 13,7 × 21,5 × 0,50 cm |
Book Binding | Hard Cover, Paper Back |
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