Mai Padh N Saka
$2 – $3
Author: Harikrishan Devshre
Pages: 92
Language: Hindi
Year: 2012
Binding: Both
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Description
हरिकृष्ण देवसरे हिंदी बाल-साहित्य के क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित नाम हैं। उन्होंने इस क्षेत्र विशेष में अपनी सतत साहित्य-साधना से किशोर-मन को छूनेवाली कहानियों का सृजन किया है। उनकी सर्जनात्मक मनोभूमिका में हल्कापन न होकर गंभीर किस्म की सांस्कृतिक-संवेदना सक्रिय रहती है। यह ऐसी किशोर कहानियों का लुभावना संग्रह है कि हाथ में आने पर इसे बिना पढ़े आप छोड़ न सकेंगे। इन कहानियों का पाठ विचार की दृष्टि से बहुलार्थक है और कहानीकार की बहु श्रुतता। का प्रमाण भी। इस पुस्तक के पाठक मनोरंजन और कथारस के आस्वाद की प्रक्रिया में ज्ञान-लाभ कर सकेंगे। ऐसी पठनीय पुस्तकें आए दिन पढ़ने को नसीब कहाँ हो पाती है, जिसमें इतने सहज और अनायास पाठकों को जानकारी का ऐसा मनोहारी खजाना मिले और समझने का किशोर मन को यह मौका मिले कि जीवनानुभवों के कमाए सत्यों का अपना संदर्भ होता है। ये कहानियाँ मुक्तभाव से अपने को उलीचकर समृद्ध करने में सक्षम हैं। अब तक जितना मैंने इन कहानियों की अंतर्यात्रा से जाना है, मैंने पाया है कि उनकी नजर किशोर-मनों की बड़ी पारखी है। वह जीवन-जगत् में घुसकर यह जान जाते हैं कि जीवनानुभव का असली माल कहाँ है। यह पुस्तक किशोर मन की कहानियों के मनोविश्लेषण को समझने में सहायक होगी। इसी विश्वास के साथ पाठकों को यह पुस्तक सौंपता हूँ।
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Weight | N/A |
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Dimensions | N/A |
Book Binding | Hard Cover, Paper Back |
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