Pashu-Prem Ki Kahaniyan

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Author: D.N.MAMIN-SIBRYAK
Pages: 112
Edition: First
Language: Hindi
Year: 2010
Binding: Both

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Description

श्रेष्ठ विश्व साहित्य का अनुवाद ‘सस्ता साहित्य मंडल द्वारा समय-समय पर किया जाता रहा है। इस क्रम में मंडल द्वारा प्रकाशित प्रसिद्ध रूसी साहित्यकार टॉल्सटॉय का साहित्य हिंदी पाठकों के बीच काफी लोकप्रिय हुआ। इन पुस्तकों के दर्जनों संस्करण प्रकाशित हो चुके हैं।

क्लासिक रूसी साहित्य की अगली कड़ी में हम प्रसिद्ध रूसी लेखक द.न. मामिन-सिबिर्याक की छह कहानियों का यह संग्रह प्रकाशित करने जा रहे हैं। ये कहानियाँ जितनी किशोर पाठकों के लिए ज्ञानवर्धक और शिक्षाप्रद हैं उतना ही प्रौढ़ पाठक के लिए भी। मनुष्य अपनी विशेषताओं के साथ महान होता है और अपनी खामियों के साथ पतित। जिस मनुष्य में मनुष्यता न हो, वह मनुष्य का ही दुश्मन बन जाता है। आम मनुष्य ने पशु, पक्षी और प्रकृति के साथ तादात्म्य स्थापित करते हुए लाखों वर्षों की यात्रा तय की है। मनुष्य और पशुओं के पारस्परिक प्रेम-संबंधों को प्रदर्शित करनेवाली ये कहानियाँ निस्संदेह पाठकों को पसंद आएँगी।

Additional information

Weight 136 g
Dimensions 14,3 × 21,5 × 1 cm
Book Binding

Hard Cover, Paper Back

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