Prachin Bharat Ke Itihaskaar
$3 – $7
Author: BHAGWAN SINGH
Pages: 284
Edition: 2ND(PB)
Language: HINDI
Year: 2011(HB), 2016(PB)
Binding: Both
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Description
भगवान सिंह की यह पुस्तक प्राचीन भारत के इतिहास पर काम करनेवाले प्रमुख इतिहासकारों के मूल्यांकन पर आधारित है। हम लोग पश्चिम की तरफ टकटकी लगाए रहते हैं और अपने देश, अपनी भाषा में काम करनेवाले मनीषियों की तरफ झाँक भी नहीं पाते । भगवान सिंह प्राचीन इतिहास और भारतीय वाङ्मय के मर्मज्ञ हैं। उन्होंने इस पुस्तक में वासुदेवशरण अग्रवाल, राहुल सांकृत्यायन, रामविलास शर्मा, हजारीप्रसाद द्विवेदी, डी.डी. कोसंबी आदि विद्वानों की इतिहास-दृष्टि और इतिहास विवेक का तटस्थ मूल्यांकन प्रस्तुत किया है। इस पुस्तक का पहला लेख और भी महत्त्वपूर्ण है। ‘साहित्य का अभिलेख के रूप में पाठ’ शीर्षक लेख इतिहास के साहित्यिक स्रोतों की सीमा और संभावनाओं का दिक्दर्शन कराता है। नि:संदेह यह पुस्तक भारतीय संस्कृति और चिंतनधारा को ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में तारतम्यता प्रदान करती है।
Additional information
Weight | 300 g |
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Dimensions | 14 × 21,5 × 1,5 cm |
Book Binding | Hard Cover, Paper Back |
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