भारतीय इतिहास के विद्यार्थी प्रियदर्शी अशोक का नाम अच्छी तरह से जानते हैं। भारत का वह सबसे यशस्वी सम्राट हुआ है। लेकिन उसकी महत्ता उसके राज्य के विस्तार के कारण नहीं हैं; बल्कि इसलिए है कि उसने सामान्य लोगों के आध्यात्मिक धरातल को ऊंचा किया, लोक-जीवन में नैतिक तत्वों का विकास किया और इस विशाल देश में सांस्कृतिक एकता स्थापित की। प्रस्तुत उपन्यास का कथानक इसी इतिहास-प्रसिद्ध प्रियदर्शी अशोक के समय का है। इसकी अधिकांश घटनाएं यद्यपि ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित नहीं हैं, तथापि उनसे तत्कालीन परिस्थितियों पर अच्छा प्रकाश पड़ता है।
Priyadarshi Ashok (HB)
₹200
ISBN: 978-81-7309-2
Pages: 220
Edition: Fifth
Language: Hindi
Year: 2008
Binding: Hard Bound
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Weight | 320 g |
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Dimensions | 14.5 × 22.2 × 2.10 cm |
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