यह पुस्तक में रवींद्र नाथ ठाकुर द्वारा लिखी गई नारी-जीवन पर आधारित दस कहानियों को संकलित किया गया है। इन दसों कहानियों में चित्रित नारी पात्रों के नाम अलग हो सकते हैं पर समग्रता में उनकी समस्या एक जैसी है। ये समाज द्वारा वंचित और लांछित नारियां हैं जो किसी-न-किसी रूप में प्रताड़ना की शिकार होती हैं। इन कहानियों के माध्यम से रवि बाबू स्त्री-शिक्षा पर बल देते हैं साथ ही अन्याय का प्रतिवाद भी करते हैं। उनके स्त्री पात्रों में मां, बेटी, बहू स्त्री के सभी रूप हैं जिन्हें समाज मानव मात्र का दर्जा नहीं देना चाहता। निःसंदेह रवींद्र की ये कहानियां आज भी प्रासंगिक हैं। साथ ही स्त्री-विमर्श के इस ‘तुमुल-कोलाहल’ भरे समय में भारतीय स्त्री मुक्ति आंदोलन की पृष्ठभूमि में पुरुषों की सहभागिता और प्रयासों को भी रेखांकित करती हैं।
Ravindra Nath Thakur Ki Kahaniyan : Das Nariya
$3 – $7
ISBN: 978-81-7309-5
Pages: 243
Edition: First
Language: Hindi
Year: 2011
Binding: Paper Back
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Book Binding | Hard Cover, Paper Back |
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