Savere Ki Roshni

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Author: KHALIL JIBRAN
ISBN: 978-81-7309-209-1
Pages: 40
Language: HINDI
Year: 2019

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Description

अंतर्राष्ट्रीय ख्याति के जिन चिन्तकों ने हमारे देश में असामान्य लोकप्रियता प्राप्त की है, उनमें खलील जिब्रान का नाम अग्रणी है। उनकी लेखनी अत्यंत शक्तिशाली थी। वह मात्र गद्य-लेखक ही नहीं थे, उच्चकोटि के कवि और चित्रकार भी थे।

जिब्रान ने काफी लिखा है। उनकी प्रत्येक पुस्तक, चाहे वह कहानियों का संग्रह हो या निबंधों का संकलन, पाठकों को एक नये लोक में ले जाती है, जहां मानवीय संवेदनाओं का सागर हिलोरें लेता है। पाठक के विचारों में इतने उतार-चढ़ाव आते हैं कि वह एक विचित्र प्रकार के उन्मेष का अनुभव करता है।

जिब्रान क्रांतिकारी लेखक थे। वह धन और सत्ता की महत्ता को स्वीकार नहीं करते थे। उनके लिए मानव सर्वोपरि था। उसी की गरिमा और प्रतिष्ठा के लिए उन्होंने अपने सम्पूर्ण साहित्य की रचना की।

‘मण्डल’ से हमने खलील जिब्रान की कई पुस्तकें प्रकाशित की हैं और हमें यह कहते हुए बड़ा हर्ष होता है कि पाठकों ने उनकी सभी पुस्तकों की भूरि-भूरि प्रशंसा की है। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए हमने जिब्रान की एक और नई पुस्तक ‘सबेरे की रोशनी’ पाठकों के समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूं।

इस किताब में खलील जिब्रान की आप को एक बहुत ही बढ़िया कहानी। पढ़ने को मिलेगी। ऊंचे माने जाने वाले लोगों में कितनी बुराइयां पाई जाती हैं, यह इस किताब में बताया गया है। साथ ही यह भी कि उन्हें कैसे दूर करके इन्सान और समाज को ऊपर उठाया जा सकता है।

इस कृति की भाव-भूमि अत्यन्त हृदयस्पर्शी और प्रेरणादाय है। इसकी एक विशेषता यह भी है कि इसमें जिब्रान के बनाये हुए बहुत ही प्रभावशाली चित्र हैं।

पाठकों से हमारा अनुरोध है कि वे इस पुस्तक को तथा इस माला की सभी पुस्तकों को मनोयोगपूर्वक पढ़े। इस सारे साहित्य में वे जितनी गहरी डुबकी लगावेंगे, उतने ही अनमोल रत्न उनके हाथ पड़ेंगे।

Additional information

Weight 104 g
Dimensions 24 × 17,7 × 0,3 cm

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