T.V. Me Champa
$3 – $7
Author: SANJAY KUMAR SINGH
Pages: 236
Language: Hindi
Year: 2013
Binding: Both
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Description
संजय कुमार सिंह की कहानियाँ नए जीवनानुभवों को अनेक कोणों से ग्रहण करती हैं। इस अनुभव यथार्थ में जीवन की जटिलताओं से सीधी मुठभेड़ है और एक-एक अदम्य जीवनाकांक्षा। समय, समाज एवं काल की चेतना का तीखा बोध इन कहानियों की संवेदना में अंतर्याप्त है। इस दृष्टि से इन कहानियों में नए मानव के भाव-बोध की धड़कती ध्वनियाँ व्याप्त हैं।’तुम कहाँ हो जटायु ?’ तथा ‘फूलोअनारो’ जैसी कहानियों में गाँव के जीवनलय का, सुख-दुख की संघर्ष घटाओं का अंत:पाठ मिलता है। ‘तुम कहाँ हो जटायु ?’ का ‘पाठ’ जिस विमर्श को सामने लाता है वह एकार्थी न होकर बहुलार्थी है। जीवन के इस अर्थ भरे संदर्भो के बहुवचन से ही संजय कुमार सिंह अपनी कहानियों का कथ्य’ निर्मित करते हैं। जीवन के कसकतेकरकते-खौलते अनुभव ‘घर नहीं, बाजार’ जैसी कहानी में यह सच कह ही देते हैं कि ‘अब कसाई के बकरे की जिंदगी पर बहस कराने से क्या फायदा।’ हमारे उत्तर आधुनिक समय की पीड़ाएँ-यातनाएँ इन कहानियों में जीवन की सभ्यता समीक्षा के रूप में मौजूद हैं। कहानीकार जीवन की त्रासदियों की गंध दूर से सूंघ लेता है। इसलिए उसकी संवेदना सघन, निश्छल एवं गहराई लिए हुए है। कभी मोहन राकेश, निर्मल वर्मा, शिवप्रसाद सिंह, गोविंद मिश्र की कहानियों में जो मानव-नियति की विवशता होती थी उसी विवशता को 3 कुमार सिंह फिर नए कहानी-मुहावरे में रचते हैं। इन कहानियों की कथ्यगत संवेदना में, कला में अपनी आवाजें हैं, अपनी प्रतिध्वनियों हैं। कहानीकार को यथार्थ-छवियों को सपाट-बयानी में कहने की आदत नहीं है वह ध्वनियों से अर्थ-व्यंजनाओं के नए पाठ उठाता है। इन कहानियों में देशी-विदेशी रचनाकारों का अनुकरण नहीं है। उसकी अपनी कला की रूढि और मौलिकता है। कहना होगा कि इन रूढ़ियों ने इन कहानियों की सर्जनात्मकता को एक नई अर्थ रंगत दी है और प्रबुद्ध पाठक को जीवन जगत के नए यथार्थ से साक्षात्कार।
संजय कुमार सिंह की इन कहानियों के भीतरी सच पर भरोसा करते हुए मैं यह कहानियाँ प्रबुद्ध पाठक संसार को सौंपता हूँ। इन कहानियों का सच इन कहानियों के अंतर्जगत में ही छिपा मिलता है। उसे बाहर से घेरकर समझने की जरूरत नहीं है। मुझे विश्वास है कि इन कहानियों का साहित्य के क्षेत्र में व्यापक स्वागत होगा।
Additional information
Weight | 260 g |
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Dimensions | 13,10 × 21,5 × 1,5 cm |
Book Binding | Hard Cover, Paper Back |
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