जीव आया
देवीप्रसाद चट्टोपाध्याय
मूल्य: 30.00 रुपए
भारत के आजाद होने के बाद हिंदी में बहुत-सी साहित्य निकला है। ज्ञान-विज्ञान तथा उनकी शाखाओं से संबंधित भी काफी किताबें प्रकाशित हुई हैं। लेकिन बच्चों तथा नव-साक्षरों के लिए ज्ञान-विज्ञान-संबंधी साहित्य की आवश्यकता अब भी बनी हुई है। भारत की अन्य भाषाओं में इस दिशा में अच्छा प्रयत्न हुआ है, किंतु हिंदी में ऐसी पुस्तकों की संख्या नहीं के बराबर है। इसी कमी को ध्यान में रखकर इस माला को निकाला गया है। इसकी किताबों में बताया गया है कि यह पृथ्वी कब और कैसे बनी, उस पर जीव कब और कैसे आये, इन जीवों से मनुष्य का विकास कैसे हुआ और मानव-समाज सभ्यता के द्वार पर क्योंकर पहुंचा। निश्चय ही यह बड़ा दिलचस्प विषय है और सभी इसके बारे में जानना चाहते हैं। लेखक ने इसे इतने सजीव तथा रोचक ढंग से प्रस्तुत किया है कि बिना ऊबे पाठक सारी पुस्तक को एक बारी में पढ़ जाते हैं।
Reviews
Clear filtersThere are no reviews yet.