संसार की सभी महत्त्वपूर्ण भाषाओं में जिन गिने-चुने भारतीय ग्रंथों ने असाधारण लोकप्रियता प्राप्त की है, उनमें पं. जवाहरलाल नेहरू की ‘मेरी कहानी’ एक है। अनेक भाषाओं में उसके अनुवाद हुए हैं और लाखों प्रतियों की खपत हुई है।
इस लोकप्रियता का सबसे बड़ा कारण यह है कि वह एक व्यक्ति की जीवनी होने के साथ-साथ स्वतंत्रता के लिए तड़पते और जूझते एक महान् देश की कहानी है।
इसमें संदेह नहीं कि नेहरू जी का जीवन एक विलक्षण सेनानी का जीवन | रहा है। इसलिए उसका छोटी-बड़ी अनगिनत घटनाओं और त्यागों से परिपूर्ण | होना स्वाभाविक है। इसके अतिरिक्त नेहरू जी भारत के स्वाधीनता-संग्राम के साथ इतने घुले-मिले रहे हैं कि स्वतंत्रता-संबंधी सारे आन्दोलन तथा प्रवृत्तियां उनके साथ जुड़ गई हैं। यही कारण है कि उनकी जीवनी उपन्यास की भांति रोचक और इतिहास की भांति तथ्य एवं घटनाओं से पूर्ण है।
हिन्दी में बड़ी जीवनी 864 पृष्ठों में निकली है। प्रत्येक पाठक को इसे पढ़ना चाहिए। लेकिन युवक, विशेषकर विद्यार्थी भी इस पुस्तक से लाभ उठा सकें, इस दृष्टि से इसके संक्षिप्त संस्करण का प्रकाशन किया गया है। बड़ी सावधानी से बड़ी पुस्तक को संक्षिप्त करके इस पुस्तक की सामग्री का चुनाव किया गया है और इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखा है कि कोई भी महत्त्व की घटना छूटने न पावे।
हमें विश्वास है कि शिक्षा-संस्थाएं इसका अधिक-से-अधिक उपयोग करेंगी और हर युवक, जिस पर देश के नव-निर्माण की जिम्मेदारी है, इस पुस्तक से प्रेरणा प्राप्त करेगा।
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