पद्मश्रो प्रोफेसर गिरिराज किशोर हिन्दी के जाने-माने यशस्वी उपन्यासकार, कथाकार और निबंधकार है। समसामयिक विषयों पर उनके द्वारा लिखे गए लेख हिन्दी के प्रमुख समाचार-पत्रों में अक्सर पढ़ने को मिलते हैं। उनके अत्यंत लोकप्रिय उपन्यास ढाईघर, पहला गिरमिटिया आदि अनेक भाषाओं में अनुदित हो चुके हैं और इन पर उन्हें क्रमशः साहित्य अकादमी पुरस्कार तथा के. के. बिड़ला फाउंडेशन का व्यास सम्मान प्राप्त हुआ है।
प्रस्तुत कहानी संग्रह सिस्टर यू आर ग्रेट पाठकों को समर्पित करते हुए मण्डल को बड़ा हर्ष हो रहा है। उनकी छपी हुई कहानियों पर पाठकों ने समयसमय पर अपनी प्रतिक्रिया विभिन्न पत्रिकाओं के माध्यम से या पत्र लिखकर लेखक तक पहुँचाई। उनमें से कुछ कहानियाँ चुनकर पाठकों की याद ताजा करने के इरादे से इस कहानी संग्रह में दी जा रही हैं।
गिरिराजजी की विशेषता यह है कि उनकी हर कहानियों में अलग-अलग अनुभव और अभिव्यक्ति देखने को मिलेगी। ये सब कहानियाँ अलग अलग संदर्भ और समय में लिखी गई हैं। आशा है सुधीजन पाठक इन कहानियों को पढ़कर रस आनंद लेंगे और इससे लाभान्वित होंगे।
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