पं. जवाहरलाल नेहरू की सुविख्यात पुस्तक ‘दी डिस्कवरी आफ इंडिया’ कई वर्ष पूर्व सम्पूर्ण रूप में हिंदी में प्रकाशित हुई थी। हिंदी के पाठकों ने उसे काफी पसंद किया। बाद में यह अनुभव किया गया कि यदि उसका संक्षिप्त संस्करण निकाल दिया जाता तो हिंदी के सामान्य पाठक, विशेषकर विद्यार्थी, इस उपयोगी पुस्तक का विशेष लाभ उठा सकते। पाठकों ने भी इस प्रकार की मांग की।
हमें हर्ष है कि इस पुस्तक द्वारा पाठकों की और हमारी इस इच्छा की पूर्ति हो रही है। श्री रामचंद्रजी टण्डन ने यह कार्य बड़ी जिम्मेदारी के साथ किया है। वह स्वयं अच्छे लेखक और कुशल सम्पादक हैं। अतः उन्होंने संक्षेपीकरण में जहां आकार को कम किया है, वहां लेखक की मूल भावना को सुरक्षित रखा है।
इस पुस्तक की उपयोगिता के विषय में दो मत नहीं हो सकते। यह हिंदुस्तान का सामान्य इतिहास नहीं है; बल्कि एक ऐसा इतिहास है, जो तिथिक्रम से इतिहास की घटनाओं पर प्रकाश न डालकर अपने देश के प्राचीन और नवीन रूप को देखने की एक दृष्टि प्रदान करता है। मोहनजोदड़ो और हड़प्पा से लेकर सन् 1942 तक भारतीय संस्कृति की धारा को बड़े ही सुन्दर ढंग से प्रस्तुत किया है।
हमें विश्वास है कि यह पुस्तक वर्तमान रूप में विद्यार्थियों के लिए बहुत उपयोगी बन गई है। आशा है, शिक्षा-संस्थाएं तथा सामान्य पाठक इसका अधिकसे-अधिक लाभ लेंगे।
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