पितामाह भीष्म
नानाभाई भट्ट
मूल्य: 25.00 रुपए
रामायण और महाभारत वाड्.मय की अमूल्य निधियां हैं। उनमें जो जितनी गहरी डुबकी लगाता है, उतने ही कीमती रत्न उसके हाथ लगते हैं। गुजराती के विख्यात लेखक नानाभाई भट्ट ने इन दोनों ही महान् ग्रंथों के प्रमुख पात्रों का बड़ी प्रभावशाली शैली में चरित्र-चित्रण किया है। महाभारत के पात्रों की इस पुस्तक माला में उन्होंने पाठकों को अत्यंत प्रेरणादायक सामग्री दी है। प्रत्येक पात्र बड़े ही सजीव रूप में हमारे सामने आकर खड़ा हो जाता है। इस माला में ग्यारह पुस्तकें हैं। वे सभी पठनीय और मननीय हैं। प्रस्तुत पुस्तक में विद्वान लेखक ने श्रीकृष्ण के चरित्र पर प्रकाश डाला है। पाठक जानते हैं कि महाभारत में श्रीकृष्ण की क्या भूमिका थी। इस पुस्तक को पढ़कर उन्हें गहराई से समझने में सहायता मिलती है।
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