‘मण्डल’ द्वारा टाल्स्टाय का बहुत-सा साहित्य प्रकाशित किया गया है, जो पाठकों को बहुत पसंद आया है। हमें हर्ष है कि यह साहित्य पाठकों को पुनः उपलब्ध हो रहा है। इस पुस्तक में टाल्स्टाय की सोलह कहानियों का भावानुवाद दिया गया है। यह अनुवाद हिंदी के यशस्वी लेखक श्री जैनेन्द्र कुमार ने किया है। अनुवाद इतना सरस है कि इसे पढ़ने में मूल का-सा आनंद आता है। सभी कहानियां अत्यंत शिक्षाप्रद हैं।
Prem Me Bhagwan (PB)
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ISBN: 81-7309-252-4
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