Aatm Katha With Photo (Sampuran) (HB)
₹300
ISBN: 978-81-7309-3
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Description
प्रस्तुत पुस्तक उस महापुरुष की आत्म कथा है, जिसे सारा संसार आदर की दृष्टि से देखता है। महात्मा गांधी सत्य को परमेश्वर मानते थे और उसी की उपासना में उन्होंने अपने जीवन का एक एक क्षण व्यतीत किया। अपनी इस आत्म कथा का नाम उन्होंने ‘सत्य के प्रयोग’ रखा है। इसमें प्रसंगवश उनके जीवन की घटनाएं आ गई हैं, अन्यथा यह उनके सत्य के प्रयोगों की ही कहानी है।
यह कहानी इतनी रोचक है कि पुस्तक को एक बार हाथ में लेने पर बिना समाप्त किये छोड़ना असंभव है। प्रत्येक घटना के पीछे सत्य की कसौटी है, इसलिए वह प्रेरणा से ओत प्रोत है।
सत्य के पुजारी के लिए जीवन में कुछ भी छिपाव-दुराव नहीं होता। गांधीजी ने अपनी भूलों तथा कमियों को कहीं भी छिपाने का प्रयत्न नहीं किया। उनका उल्लेख मुक्तभाव से किया है। यह उनके अंतर की पारदर्शी सच्चाई का परिचायक है।
दुनिया में बहुत से महापुरुषों ने अपनी आत्म-कथाएं लिखी हैं, किन्तु यह आत्मकथा उनसे भिन्न है। इसमें गांधीजी के जीवन की महान उपलब्धियों की गाथा नहीं है, बल्कि इसके एक-एक शब्द में यह कामना निहित है कि मानवसमाज सत्य की आराधना करे और अहिंसा के द्वारा सत्य-रूपी परमेश्वर से साक्षात्कार करे।
Additional information
Weight | 900 g |
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Dimensions | 14.2 × 22.2 × 2.16 cm |
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