जातक कथाएं
भदन्त आनन्द कोसल्यायन
मूल्य: 80.00 रुपए
जातक शब्द का अर्थ है जन्म संबंधी। विकासवाद के अनुसार एक फूल को विकसित होने के लिए उस पुष्प की जाति विशेष के अस्तित्व में आने में लाखों वर्ष लग जाते हैं। तब क्या कोई भी प्राणी साठ या सत्तर, अधिक-से-अधिक सौ वर्ष के जीवन में बुद्ध बन सकता है? उसे इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए अनेक जन्म धारण करने ही होंगे। गौतम बुद्ध को भी धारण करने पड़े। बुद्ध होने से पूर्व अपने सब पिछले जन्मों तथा अंतिम जन्म में उनकी संज्ञा बोधिसत्व रही। बोधि का अर्थ है बुद्धत्व और सत्व का अर्थ प्राणी – बुद्धत्व के लिए प्रयत्नशील प्राणी। जातक में बोधिसत्व के पांच सौ सैंतालिस जन्मों का उल्लेख है। यह पुस्तक इसी विषय पर केंद्रित है।
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