इस पुस्तक में दैनिक जीवन की बीस घटनाएं दी गई हैं। ये घटनाएं ऐसी हैं कि उनका हाल पढ़ने में तो आनन्द आता ही है, उनसे कुछ सीखने को भी मिलता है। समाज के जिम्मेदार नागरिक के रूप में हमारे बहुत-से कर्तव्य हैं, पर हममें से अधिकांश लोग उनकी परवा नहीं करते । इतना ही नहीं, उल्टे नासमझी दिखाते हैं। नतीजा यह होता है कि हमारी लापरवाही और भूलों का दुष्परिणाम दूसरों को उठाना पड़ता है। रोगी का जगह-जगह थूक देना सारे समाज का स्वास्थ्य खतरे में डाल देता है और केले आदि के छिलकों के रास्ते में पड़े होने से अक्सर राहगीरों के पैर फिसल जाते हैं और उनके चोट लग जाती है।
इस पुस्तक में ऐसी छोटी-छोटी घटनाएं दी गई हैं, जो हमें अपने सामान्य कर्तव्यों का ध्यान दिलाती हैं। हमें याद रखना चाहिए कि इस दुनिया में जितने महापुरुष हुए हैं, उन्होंने अपने जीवन में छोटी-छोटी बातों का विशेष ध्यान रखा है।
बंगला भाषा में यह पुस्तक ‘तुच्छ तबू तुच्छ नय’ नाम से प्रकाशित हुई है। हम आशा करते हैं कि इसका सभी क्षेत्रों में स्वागत होगा और पाठक इसे पढ़कर लाभ उठायंगे।
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