Bhartiya Ganitagya

$2$5

Author: HARIKRISHNA DEVSARE
ISBN: 978-81-7309-985-4
Pages: 65
Language: Hindi
Year: 2018

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Description

गणित के क्षेत्र में भारत का योगदान विश्वविख्यात है। व्यावहारिक गणित की मौजूदगी के प्रमाण हड़प्पा सभ्यता से शुरू होकर वेद-वेदांगों से होती हुई छंदशास्त्र तक चली आती अखंड परंपराप्रवाह में मिलते हैं। पाँचवीं-छठी शताब्दी से आचार्यों द्वारा गणित और नक्षत्र-विज्ञान चिंतन-ग्रंथों की समृद्ध परंपरा आरंभ हो जाती है, जिसका प्रसार एशिया-अरब और यूरोप के देशों में दूर-दूर तक होता रहा है। आधुनिक युग में बीसवीं शताब्दी में श्रीनिवास रामानुजन जैसे गणितज्ञ का दुनिया को मौलिक योगदान है।

सुप्रसिद्ध बाल साहित्यकार हरिकृष्ण देवसरे की यह पुस्तक * भारतीय गणितज्ञ’ परंपरा से पाठकों का परिचय कराने के साथ ही मौजूदा समय में हमारे सक्रिय गणितज्ञों की जानकारी यहाँ उपलब्ध भी कराती है। आशा है यह बाल और किशोर पाठकों में गणित विषयक और रुझान के विस्तार में सहायक होगी।

Additional information

Weight 125 g
Dimensions 18,2 × 22,5 × 0,50 cm
Book Binding

Hard Cover, Paper Back

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