Gandhi Ji Ne Kaha Tha

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Author: MOHAN DAS KARAM CHAND GANDHI
ISBN: 978-81-7309-133-9
Pages: 96
Language: Hindi
Year: 2019

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Book Description

गाँधी जी ने कहा था

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रकाशकीय कुछ समय पूर्व हमने एक पुस्तक प्रकाशित की थी, स्वराज्य का अर्थ ।’ उस पुस्तक में गांधीजी के शब्दों में उनकी कल्पना के भारत का चित्र प्रस्तुत किया गया था। पुस्तक को पाठकों ने बहुत पसंद किया। उसकी माँग आज भी बराबर बनी हुई है।

यह पुस्तक उसी दिशा की दूसरी कड़ी है। इसमें हमने गांधीजी के शब्दों में बताया है कि स्वतंत्र भारत के उनके स्वप्न को मूर्तरूप देने के लिए नागरिकों, राजनेताओं, उद्योगपतियों, किसान-मजदूरों, राष्ट्रभाषा-प्रेमियों, महिलाओं, युवकों आदि को क्या करना चाहिए।

आज देश के प्रत्येक क्षेत्र में अनैतिकता, भ्रष्टाचार, अव्यवस्था, अनुशासनहीनता, स्वार्थपरता, पदलोलुपता तथा ऐसी ही जो अन्य विकृतियाँ आ गयी हैं, उन्हें दूर करने का मार्ग इस पुस्तक में सुझाया गया है। समय ने इस बात को प्रमाणित कर दिया है कि वर्तमान काल की सारी बुराइयों को दूर करने का एकमात्र उपाय वही है, जो गांधीजी ने बताया है।

हमारा पाठकों से अनुरोध है कि वे इस पुस्तक को ध्यानपूर्वक पढ़े और अपने, समाज के तथा राष्ट्र के हित में उन अपेक्षाओं को पूर्ण करें, जो गांधीजी ने उनसे रक्खी थी।

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