Param Sakha Mrityu
$1
Author: KAKA KALELKAR
ISBN: 978-81-7309-007-3
Pages: 128
Language: HINDI
Year: 2018
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Description
परमसखा मृत्यु
काका कालेलकर
मूल्य: 80.00 रुपए
सामान्यतया हम मृत्यु का कभी विचार नहीं करते। इस प्रकार जीते हैं, मानो कभी मरने वाले नहीं हैं, या यों मानकर जीते हैं कि मरना तो है, किंतु इतनी जल्दी नहीं। परिणाम यह होता है कि हमारा जीवन आयु की दृष्टि से कितना ही लंबा क्यों न हो, जीवन की दृष्टि से छिछला ही रहता है। ऐसे छिछले जीवन में अचानक एक दिन मृत्यु आकर हमारा दरवाजा खटखटाने लगती है और उसे देखकर हम चैंक उठते हैं। पूछते हैं, ‘‘यह क्या हुआ? हमें इतनी जल्दी तो जाना नहीं था! अभी कितना काम करने को बाकी है। हम अभी तक ठीक तरह से जी भी नहीं पाये हैं और अचानक यह कहां से आ टपकी?’’ इस सत्य को उजाकर करती हुई यह पुस्तक बहुत रुचिकर एवं उपयोगी है।
Additional information
Weight | 164 g |
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Dimensions | 12,8 × 13,8 × 0,7 cm |
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