वर्तमान युग में हिंसात्मक प्रवृत्तियाँ इतनी प्रबल हो गयी हैं कि मानव-जाति के सामने भयंकर संकट उत्पन्न हो गया है। संहारक अस्त्रों की होड़ ने युद्ध की काली-काली घटाओं से आकाश को आच्छादित कर दिया है। मन सबका तनाव और अशांति से भरा है। ज्यों-ज्यों हिंसा की इस अग्नि को बुझाने के लिए प्रयत्न किया जा रहा है, वह अग्नि और भड़क रही है।
इस संकट को दूर करने का एक ही उपाय है और वह यह कि जिनके हाथ में हिंसा का संहारक अस्त्र है, उनके हाथ में अहिंसा का अमोघ अस्त्र दे दिया जाय, अर्थात् उन्हें उस भय से मुक्त कर दिया जाय, जिसने उनके विवेक पर पर्दा डाल दिया है और उन्हें अमानवीय मार्ग पर चलने को प्रेरित किया है। महावीर और गांधी की अहिंसा, बुद्ध की करुणा, ईसा का प्रेम, मानव की संवेदना आदि ऐसे अस्त्र हैं, जो उस भय को दूर कर सकते हैं।
प्रस्तुत पुस्तक में हमने ऐसी रचनाओं का संग्रह किया है, जो इस तथ्य पर बड़े सुन्दर ढंग से प्रकाश डालती हैं।
हमें पूरा विश्वास है कि पाठक इस पुस्तक की मूल्यवान। तथा प्रेरणादायक सामग्री को ध्यान से पढ़ेंगे और अपने तथा लोक के मंगल के लिए अहिंसा के अमोघ अस्त्र को अधिक-से-अधिक तेजस्वी बनाने का प्रयास करेंगे।
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