प्राचीन कथाओं को आधुनिक शैली में प्रस्तुत करने का काम ‘मण्डल’ काफी समय से करता आ रहा है। उसके जातकों की चुनी हुई कथाओं के बालोपयोगी संग्रह निकाले हैं। विद्वान लेखक ने अपनी भूमिका में लिखा है, इस संग्रह की दो कथाओं को छोड़कर शेष वेद के मंत्रों पर आधारित हैं। ये समान्य कथाएं नहीं हैं। इनमें पर्याप्त विचार-सामग्री है और कोई-कोई कथा तो जीवन को नई दिशा में मोड़ने की क्षमता रखती है। वेदों में मंत्रों में वर्णित प्रसंगों पर बहुत से लेखकों ने कहानियां लिखी हैं, लेकिन इन प्रसंगों का अंत कहां है! कितना भी लिखें, उनका भण्डार खाली नहीं होता। इस संग्रह के कथाओं के रचयिता संस्कृत के विद्वान और हिंदी के सिद्धहस्त लेखक हैं।
Vedmatro Ke Prakash Mein
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Author: SAMPURNAND
ISBN: 978-81-7309-278-7
Pages: 84
Language: HINDI
Year: 2007
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Weight | 80 g |
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Dimensions | 18 × 12 × 0,4 cm |
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