ISBN: 978-81-7309-952-6 Pages: 76 Language: Hindi Year: 2021 Binding: Paper Cover
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Book Description
महात्मा गांधी का जन्म भारत में हुआ था, लेकिन उनका प्रेम अपने देश तक ही सीमित नहीं रहा, सारी दुनिया को उसने अपने अंक में भर लिया। अपने इस अनन्त प्रेम के कारण ही वह ‘बापू’ कहलाये । वह जिस मार्ग पर चले, वह किसी एक व्यक्ति के हित का नहीं, सम्पूर्ण मानव-जाति के कल्याण का मार्ग था।
इस पुस्तक में बापू के उसी मार्ग की सूक्ष्म झांकी दिखाने का प्रयत्न किया गया है। प्रार्थना तथा प्रेम और भक्ति के भजन उनकी आत्मा के खुराक थे; ईसा का ‘गिरि प्रवचन उनकी मान्यताओं का प्रेरक था; एकादश व्रत उनके जीवन की आधार-शिला थे और उनके रचनात्मक कार्यक्रम भारत और उसके स्वराज्य की बुनियाद को पक्का करनेवाले थे। इन सबको पाठक इस पुस्तक में पायंगे।
साथ ही, बापू के जीवन के कुछ शिक्षाप्रद प्रसंग और भारत के भावी स्वरूप के विषय में उनके विचार भी पाठकों को इसमें पढ़ने को मिलेंगे। बापू का पथ प्रेम का पथ था, नीति का पथ था। उस पर चलकर ही हमारा, हमारे देश का और विश्व का भला हो सकता है।
हमें विश्वास है कि इस पुस्तक को प्रत्येक आत्मशोधक और देश-प्रेमी पढेगा, विशेषकर हमारी नई पीढ़ी, जिस पर देश का भविष्य निर्भर करता है, इसे अवश्य पढ़ेगी और अपने जीवन के निर्माण में इससे प्रेरणा प्राप्त करेगी।
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