चार नाटक
सव्यसाची
मूल्य: 20.00 रुपए
प्रस्तुत पुस्तक में चार नाटक प्रकाशित किए गए हैं। इनमें दो विदेशी नाटकों के हिंदी रूपांतर हैं, शेष दो को मूल हिंदी में लिखा गया है। सभी नाटकों में कोई-न-कोई शिक्षा निहित है। ‘मुरब्बी’ में बताया गया है कि बड़ा वह व्यक्ति होता है, जिसके दिल में दूसरों के लिए दर्द होता है। ‘वसीयत’ में बताया गया है कि परिवारों के साज्ञि पशुओं का कितना निकट का संबंध होता है। घर का बूढ़ा बैल मर जाता है तो परिवार के सारे झगड़े खत्म हो जाते हैं। ‘मनके जीते जीत’ में मन की महिमा पर प्रकाश डाला गया है और बताया गया है कि दुनिया में सबसे ड़ी जीत मन की है। ‘ईश्वर का मंदिर’ पढ़कर प्रेरणा मिलती है कि हमें बुराई का बदला भलाई से देना चाहिए।
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