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चट्टान नहीं पिघलती
प्रस्तुत पुस्तक के लेखक से हिंदी के पाठक भलीभांति परिचित हैं। विभिन्न विधाओं में उनकी अनके पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं। कहानियां, संस्मरण, निबंध, बोध कथाएं, नाटक-एकांकी, जीवनियां, कविताएं आदि-आदि की उनकी कृतियां ‘मण्डल’ तथा अन्य प्रकाशन गृहों से निकली हैं। हमें बड़ी प्रसन्नता है कि उनकी नवीन कृति एक उपन्यास के रूप में पाठकों के हाथों में पहुंच रही है। लेखक मानवीय मूल्यों के उपासक हैं। अपने संपूर्ण साहित्य में, भले ही वह किसी भी विधा का हो, उन्होंने इन्हीं मूल्यों का प्रतिपादन किया है। इस रचना में भी पाठक इन्हीं मूल्यों की झांकी पाएंगे।
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