सस्ता साहित्य मंडल’ को श्री दिवाकर शास्त्री जी द्वारा लिखित पुस्तक ‘गीता का नीतिशास्त्र’ प्रकाशित करते हुए बड़ा हर्ष हो रहा है।
विद्वान लेखक के संपूर्ण साहित्य में प्रस्तुत पुस्तक अपना विशेष महत्त्व रखती है। पाठक जानते हैं कि गीता रत्नों की खान है। उसमें जो जितनी गहरी डुबकी लगाता है, उतने ही मूल्यवान रत्न उसके हाथ पड़ते हैं। यही कारण है कि बहुत-से महापुरुषों ने उसके भाष्य किए हैं।
हम निश्चित रूप से कह सकते हैं कि इस पुस्तक को जो भी। पढ़ेंगे, उनकी गीता में दिलचस्पी पैदा होगी और उन्हें यह पता चलेगा कि हमारे देश में ही नहीं, सारे संसार में गीता को इतनी लोकप्रियता क्यों प्राप्त हुई है।
पाठकों से हमारा अनुरोध है कि वे इस पुस्तक को अवश्य पढ़ें। उन्हें मालूम होगा कि मनुष्य के जीवन का उद्देश्य क्या है और उसकी प्राप्ति किस प्रकार हो सकती है।
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