Kashi Prasasd Jaiyaswal Sanchayan-v-2 (PB)

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Author: RATAN LAL
ISBN: 978-81-7309-941-0
Pages: 286
Language: Hindi
Year: 2018
Binding: Paper back

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Book Description

काशी प्रसाद जायसवाल हिंदी नवजागरण काल के बहु-आयामी व्यक्तित्व के धनी लेखक हैं। पेशे से वकील और चित्त से स्वाधीनता सेवक जायसवाल जी ने भारतीय इतिहास, पुरातत्त्व, मुद्राशास्त्र, भाषा, लिपि संबंधी अपने अध्ययन-अनुसंधान और चिंतन से ब्रिटिश उपनिवेशवाद के खिलाफ बौद्धिक लड़ाई लड़ी और भारतीय जन मानस को पश्चिम के सत्ता-ज्ञानमूलक वर्चस्व से मुक्त करने का प्रयास किया। उनका विस्तृत कार्य अंग्रेजी में है किंतु वे बालकृष्ण भट्ट, महावीर प्रसाद द्विवेदी और श्याम सुंदर दास के साथ हिंदी भाषा और हिंदी भाषी समाज के बौद्धिक जागरण के लिए सक्रिय रूप से प्रतिबद्ध रहे। अंग्रेजी के साथ-साथ वे हिंदी में भी लिखते, पत्रिका संपादन और व्याख्यान देते।

डॉ. रतनलाल द्वारा प्रस्तुत किए गए काशी प्रसाद जायसवाल संचयन के दूसरे खण्ड में पाटलिपुत्र में काशी प्रसाद जायसवाल के संपादकीय लेख और व्याख्यान सम्मिलित हैं। जायसवाल जी ने 1906 में मिर्जापुर से कलवार गजट पत्रिका निकालकर पत्रकारिता आरंभ की और विश्वयुद्ध काल में 1914 के दौरान पाटलिपुत्र के संपादक रहे। उनके द्वारा लिखे गए संपादकीय यहाँ संकलित हैं। इनमें से अधिकांश संपादकीय प्रथम विश्वयुद्ध में भारत की भूमिका पर केंद्रित हैं। कुछेक भाषा, साहित्य, लिपि आदि संबंधी हैं।

पुस्तक का सर्वाधिक महत्वपूर्ण अंश जायसवाल जी के व्याख्यानों का है। इसमें मूल हिंदी भाषणों के अलावा अंग्रेजी भाषणों का हिंदी अनुवाद शामिल कर लिया गया है। अनुपलब्ध भाषणों के विषय में अन्यत्र उपलब्ध जानकारी को भी यहाँ शामिल करते हुए जायसवाल जी के योगदान की सर्वांगपूर्ण ढंग से प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है।

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