सिखों का इतिहास 1
मध्यकाल में सिक्ख मत के उदय और तत्कालीन भारतीय समाज एवं संस्कृति में उसकी भूमिका को प्रस्तुत करती बख्शीश सिंह जी की यह पुस्तक सिक्खों के इतिहास को एकांगी ढंग से न देखते हुए समग्र भारतीय इतिहास-भूगोल और समाजशास्त्र के संदर्भ में चित्रित करती है। यह बताने के साथ ही कि सिक्ख कौन हैं, कैसे हैं, कहाँ-कहाँ हैं; सिक्ख मत का उदय और विस्तार किस प्रकार और किन सांस्कृतिक सामाजिक-आर्थिक-राजनीतिक परिस्थितियों में हुआ? लेखक ने सिक्खों की मूल भूमि पंजाब का बृहत्तर भारतीय भौगोलिकऐतिहासिक-सांस्कृतिक-राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में परिचय दिया है और सिक्ख धर्म के इतिहास को भक्ति आंदोलन की लोक जागरणकारी चेतना के संदर्भ में रेखांकित किया है।
आशा है कि हिंदी पाठक इसे रुचिपूर्वक पढ़ेंगे और भारत की अनेकता में एकता का परिचय पा सकेंगे।
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