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आप भले जग भला
श्रीमन्नारायण
मूल्य: 40.00 रुपए
प्रस्तुत पुस्तक के लेखक गांधी-विचार धारा के प्रमुख व्याख्याताओं में से हैं। उन्हें अनेक वर्षों तक महात्मा गांधी के सान्निध्य में रहने और उनके तत्व-दर्शन को बारीकी से समझने का अवसर मिला है। कुछ समय पूर्व ‘मण्डल’ ने उनकी ‘गांधी-वादी संयोजन के सिद्धांत’ नामक पुस्तक निकाली थी, जो पाठकों में अत्यंत लोकप्रिय हुई। इस पुस्तक में संकलित निबंधों का मुख्य प्रयोजन पाठकों को इस बात के लिए प्रेरित करता है कि वे अच्छाई का चिंतन करें और सत्कर्मों में संलग्न रहें। मानव-जीवन दुर्लभ है और जो व्यक्ति अपने जीवन में सद्गुणों का समावेश करता है, नीति के मार्ग पर चलता है, उसका जीवन सार्थक हो जाता है। इन रचनाओं की एक बहुत बड़ी विशेषता यह है कि इन्हें पढ़ते-पढ़ते पाठक कहीं भी ऊबता नहीं है। सभी निबंध सरल एवं रोचक हैं।
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