मंगल प्रभात
जीवन-शोधन संबंधी गांधीजी की पुस्तकों में प्रस्तुत पुस्तक का महत्वपूर्ण स्थान है। इसमें उन्होंने बताया है कि हम अपने जीवन को किस प्रकार पाक-साफ और ऊंचा बना सकते हैं। अधिकांश लोग समाज, राष्ट्र और विश्व के उत्कर्ष की बात सोचते हैं; लेकिन वे प्रायः यह भूल जाते हैं कि किसी भी समुदाय की, भले ही वह समाज हो या राष्ट्र अथवा विश्व, आधारमूलक इकाई व्यक्ति होता है और जब तक व्यक्ति का जीवन शुद्ध नहीं होगा, समष्टि का हित-साधन कदापि नहीं हो सकता।
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