भारतीय लोककथाएं
यशपाल जैन
मूल्य: 50.00 रुपए
हमारे देश में और दुनिया में छोटा-बड़ा शायद ही कोई ऐसा हो, जिसे लोक-कथाओं के पढ़ने या सुनने में आनंद न आता हो। हमारे गांवों में तो आज भी ऐसे लोग मौजूद हैं, जो चैधरी की चैपाल पर या और कहीं गांववासियों को बड़े ही रोचक ढंग से लोक-कथाएं सुनाते हैं और उनकी एक-एक कहानी कभी-कभी कई-कई रात तक चलती है। क्या मजाल कि सुनने वाले ऊब जाएं। इस पुस्तक में हमने अपने देश की, विशेषकर हिंदी-परिवार की भाषाओं की, चुनी हुई लोक-कथाएं दी हैं। हम चाहते तो यह थे कि सारे भारत में प्रत्येक अंचल की कहानियां अपने पाठकों को देते, लेकिन थोड़े से पृष्ठों में इतनी सामगं्री आ नहीं सकती थी। इसलिए हमने उन कहानियों को चुना, जो सरल हों, सरस हों और मनोरंजक हों।
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