स्व. गिजुभाई बधेला शिक्षा-क्षेत्र की एक महान विभूति थे। अपने प्रयासों और अनुभवों के आधार पर उन्होंने निश्चय किया था कि बच्चों के सही विकास के लिए, उन्हें देश का उत्तम नागरिक बनाने के लिए, किस प्रकार की शिखा देनी चाहिए और किस ढंग से। इसी ध्येय को समोन रखकर उन्होंने बहुत-सी बालोपयोगी कहानियां लिखीं। ये कहानियां गुजराती में दस पुस्तकों में प्रकाशित हुई हैं। इन्हीं कहानियों को हमने पांच पुस्तकों में प्रकाशित किया है। इन कहानियों को बालक चाव से पढ़ें, उन्हें पढ़ते या सुनते समय, वे उसमें लीन हो जाएं, इस बात का लेखक ने पूरा ध्यान रखा है। संभव-असंभव, स्वाभाविक-अस्वाभाविक, इनकी चिंता लेाक ने नहीं की। यही कारण है कि इन कहानियों की बहुत-सी बातें अनहोनी-सी लगती हैं। पर बच्चों के लिए तो कहानियों में रस प्रधान होता है, कुतूहल महत्व रखता है, और ये दोनों ही चीजें इन कहानियों में भरपूर हैं।
Saat Puchoo Wala Chuha (PB)
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ISBN: 978-81-7309-3
Pages: 75
Edition: First
Language: Hindi
Year: 2011
Binding: Paper Back
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