बीता युग नई याद
‘मण्डल’ से संस्मरणों के कई संग्रह प्रकाशित हुए हैं। इन संग्रहों को पाठकों ने इतना पसंद किया है कि उनके कई-कई संस्करण हुए हैं। उनकी माँग बराबर बनी रहती है।
हमें हर्ष है कि उसी श्रृंखला में 1970 में प्रकाशित सीताराम सेकसरिया की पुस्तक ‘बीता युग नयी याद’ का दूसरा संस्करण प्रकाशित किया जा रहा है। लेखक उन देश-सेवियों में से थे, जिन्हें भारत के बड़े-बड़े राजनेताओं, साहित्यकारों, समाज सेवियों आदि के निकट संपर्क में आने का अवसर मिला। इतना ही नहीं, उन्होंने स्वयं राष्ट्रीय एवं सामाजिक आंदोलनों में सक्रिय भाग लिया। यही कारण है कि उनके संस्मरणों में बड़ी सजीवता है। प्रत्येक संस्मरण को पाठक रसपूर्वक पढ़ता है।
पुस्तक की सामग्री छह खंडों में विभक्त है। पहले खंड में गांधीजी तथा उनके सहकर्मियों के संस्मरण हैं, दूसरे में स्वाधीनतासेनानियों के, तीसरे में संस्कृति एवं साहित्य की विभूतियों के और चौथे में बिछुड़े साथियों के। इन खंडों में जिन व्यक्तियों का चित्रांकन किया गया है, उनके नाम से अधिकांश पाठक परिचित हैं, लेकिन पुस्तक के पाँचवें और छठे खंड में लेखक ने उन व्यक्तियों के जीवन-प्रसंग दिए हैं, जिन्हें कोई नहीं जानता, लेकिन जिनकी मर्मस्पर्शी
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