हमारी पुष्पश्री
वनस्पति-संपदा की दृष्टि से हमारा देश अत्यंत समृद्ध है। उत्तर से लेकर दक्षिण तक और पूर्व से लेकर पश्चिम तक नाना प्रकार के वृक्ष और लताएं न केवल देश की शोभा में चार चांद लगाते हैं, उनकी भूमि को शस्य-श्यामला बनाते हैं, अपितु देशवासियों को जीवन-दायिनी जलवायु भी प्रदान करते हैं। हमारा पुरातन साहित्य तो वनस्पति की महिमा और गुणों की गाथा से भरा पड़ा है। हमारी इस वनस्पति-संपदा को पाठक भली प्रकार समझें, इस उद्देश्य से हमने इस पुस्तक को प्रकाशित किया है। इसके लेखक से हिंदी-जगत भलीभांति परिचित है। उन्होंने वनस्पतियों तथा वन्य प्राणियों के विषय में बड़े मूल्यवान साहित्य की रचना की है। हमें विश्वास है कि पाठक इस पुस्तक को स्वयं तो पढ़ेंगे ही, और भी बहुत से हाथों में पहुंचाने में सहायक होंगे।
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