मेल की महिमा
जीवन में मेल-जोल की महिमा को सभी जानते और मानते हैं। लेकिन निजी स्वार्थ जब आड़े आते हैं, तो इसे बिखरा दिया जाता है। इसलिए यह बहुत ही जरूरी है कि जो हम जानते और मानते हैं और जिसका महत्व पग-पग पर हमें अनुभव होता है, उस भावना को जीवन में पुष्ट किया जाए, विशेष तौर पर जो विचार प्रारंभिक-जीवन में पुष्ट हो जाते हैं, प्रायः वे ही भावी जीवन में स्वभाव का स्थायी अंग बन जाते हैं। इसी विचार को ध्यान में रखकर हमने इस पुस्तक में ऐसी चार कहानियों का संग्रह तैयार किया है, जो मिल-जुलकर काम करने के महत्व को दर्शाती हैं। इन कहानियों की विशेषता यह है कि इनमें मनोरंजन और शिक्षा दोनों का साथ्ज्ञ-साथ निर्वाह किया गया है।
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