छंद है यह फूल
सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ बहुमुखी प्रतिभा के धनी युगद्रष्टा साहित्यकार थे। यह वर्ष उनका जन्मशताब्दी वर्ष भी है। इस अवसर पर हमने, ‘अज्ञेय’ साहित्य को सस्ता साहित्य मंडल के माध्यम से सर्वसुलभ करने की योजना बनाई है। इस क्रम में उनकी लगभग आधा दर्जन अनुपलब्ध बहुचर्चित पुस्तकों का पुनर्प्रकाशन पहले से ही किया जा चुका है।
यह संकलन अज्ञेय की प्रतिनिधि कविताओं का संचयन है। अज्ञेय ने हिंदी कविता को एक नई भाषा दी और नए प्रतिमान गढ़े जो आधुनिक हिंदी कविता के प्रस्थान बिंदु बन गए।
इस संकलन को आलोचक कृष्णदत्त पालीवाल ने बड़े ही मनोयोग से तैयार किया है। इस संकलन को पढ़ते हुए पाठक अज्ञेय के कवि व्यक्तित्व की विविध छटा से परिचित होंगे। आशा है अज्ञेय के इस प्रतिनिधि कविता संचयन से सुधी पाठक और अध्येता भरपूर लाभ उठाएँगे।
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