आंसू और मुस्कान
अंतर्राष्ट्रीय ख्याति के यशस्वी कवि और लेखक खलील जिब्रान की अनके पुस्तकें ‘मण्डल’ से प्रकाशित हुई हैं, जिन्हें पाठकों ने बहुत पसंद किया है और उनकी मांग बराबर होती रहती है। सच यह है कि छोटी-सी-छोटी बात को अत्यंत प्रभावशाली ढंग से कहने की कला में जिब्रान बेजोड़ हैं। वह गागर में सागर भर देते हैं। हमारे जीवन में बहुत-सी घटनाएं होती हैं, जिन्हें हम सामान्य मानकर दरगुजर कर देते हैं। जिब्रान अपनी विलक्षण अन्वेषण शक्ति से उन घटनाओं में छिपे गहन रहस्यों का दिग्दर्शन करा देते हैं। उनकी रचनाएं इस दृष्टि से अद्भुत हैं। प्रस्तुत पुस्तक की प्रस्तावना में खलील जिब्रान ने स्वयं कहा है, ‘‘मैं हृदय से हास को लाखों की दौलत से नहीं बदलूंगा, न मैं अपने ही संतृप्त अंतर के बुलाए आंसुओं को शान्ति में समाने दूंगा। यह मेरी हार्दिक अभिलाषा है कि धरती पर मेरा जीवन सदा आंसुओं का और मुस्कान का ही रहे।’’
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