अज्ञेय से बातचीत
प्रसिद्ध रचनाकार अज्ञेय ने साहित्य की लगभग सभी विधाओं में समान रूप से लिखा और वे उन सभी विधाओं के शीर्षस्थ रचनाकार साबित हुए। अज्ञेय युगद्रष्टा और युग प्रवर्तक रचनाकार थे। वे अपनी स्वयं की बनाई लीक पर आगे बढ़ते रहे। अपने कर्म पथ पर वे कभी भी अपने और पराए के विदग्ध-वाण से विचलित नहीं हुए यही कारण है कि उनके कटु आलोचक भी उनके विराट व्यक्तित्व के सामने बौने पड़ते गए। आज जबकि हम उनकी सौवीं जयंती मना रहे हैं, देशभर में जिस प्रकार लोग गोष्ठियों और सम्मेलनों के माध्यम से अज्ञेय-साहित्य से जुड़ रहे हैं, यह उनके ऐतिहासिक महत्त्व का प्रमाण है।
प्रस्तुत पुस्तक में अज्ञेय के 25 साक्षात्कार संकलित हैं। ये सभी साक्षात्कार उनके समकालीन यशस्वी रचनाकारों द्वारा लिए गए हैं। रचनाकार जो बातें अपनी रचनाओं में नहीं कह पाते उसे वह अपने साक्षात्कारों में कहते हैं साथ ही अपनी रचनाओं के संदर्भो को भी खोलते हैं ताकि पाठक उस पाठ में आसानी से प्रवेश कर सके। अज्ञेय के कृतित्व और व्यक्तित्व को व्याख्यायित करनेवाला साक्षात्कारों का यह संकलन हर पाठक के लिए उपयोगी सिद्ध होगा।
Reviews
Clear filtersThere are no reviews yet.