Dhyan Aur Nam
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Author: BHARAT SINGH UPADHYAY
ISBN: 81-7309-021-1
Pages: 98
Language: Hindi
Year: 2002
Binding: Paper Back
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Description
वस्तुतः यह एक सामान्य पुस्तक नहीं है। लेखक ने अठारह वर्ष के कठोर तप का परिणाम है। अपने संपूर्ण जीवन में उन्होंने जो चिंतन किया था, उसका सार उन्होंने इस पुस्तक में समाहित कर दिया है। वह बौद्ध साहित्य के उद्भट विद्वान थे। उन्होंने बुद्ध और बौद्ध दर्शन के विषय में विपुल साहित्य की रचना की। ध्यान चित्त की समता या समाधि है, वह चेतना शून्य होने की स्थिति नहीं है। ध्यान से अपने प्रकृति-विशुद्ध चित्त का साक्षात्कार किया जाता है। इस लक्ष्य की सिद्ध ‘नाम’ से सर्वोत्तम रूप में होती है। चित्त को जब-जब ‘नाम’ में लगाया जाता है, वह अपनी चंचलता छोड़ देता है। ‘नाम’ से ज्ञान, विराग, शील और समाधि, सब अपने आप सधने लगते हैं।
Additional information
Weight | 120 g |
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Dimensions | 13,10 × 21,5 × 1,5 cm |
Book Binding | Hard Cover, Paper Back |
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