नसीहत का फल
हिंदी और हिंदी-परिवार की जनपदीय भाषाओं में इन कहानियों का अनंत भंडार है। हिंदी के पाठक उनसे परिचित हो सकें, इस उद्देश्य से मण्डल ने लोक-कथाओं की एक पुस्तक माला प्रकाशित की है। उसमें बुन्देलखंड, ब्रज, मालवा, मिथिला, गढ़वाल, राजस्थान आदि अंचली की चुनी हुई लोक-कथाओं के संग्रह निकाले हैं। उनकी लोकप्रियता का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि सभी पुस्तकों के एकाधिक संस्करण हो गए हैं। इस पुस्तक के लेखक ने बड़े परिश्रम से इन कथाओं का संकलन किया है और उनका लाभ पाठकों को दिया है। इस पुस्तक की सभी कहानियां बहुत ही सरस और मनोरंजक हैं। पुस्तकों को एक बार पढ़ना आरंभ करने पर बिना समाप्त किए छोड़ना कठिन होता है।
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