जैसी करनी वैसी भरनी
शिवसहाय चतुर्वेदी
मूल्य: 40.00 रुपए
इस माला का श्रीगणेश ‘मण्डल’ ने यही सोचकर किया था कि हिंदी के पाठकों को सुंदर, सुरुचिपूर्ण तथा मनोरंजक लोककथाएं प्राप्त हों। पहली पुस्तक में ‘मण्डल’ ने बुन्देलखण्डी, ब्रज, छत्तीसगढ़ी, निमाड़ी, मालवी, अवधी, मगधी, बाघेली, भोजपुरी, मैथिली, राजस्थानी तथा गढ़वाली की बारह कहानियां मूल भाषा के साथ हिंदी में दीं। दूसरे संग्रह में ब्रज की लोककथाएं, तीसरे में बुन्देलखण्डी की, चौथे में मालवी की, पांचवें में मैथिली की और छठे में गढवाली की दी गईं, बाद की इन तीन पुस्तकों में राजस्थानी की। इस प्रकार एक-एक भाषा का एक-एक स्वतंत्र संग्रह इस माला में पाठकों की सेवा में प्रस्तुत किया गया है। पाठक मूल भाषा का भी आनंद ले सकें, इसलिए प्रत्येक संग्रह के अंत में एक-एक कहानी मूल भाषा में दी गई हैं।
Reviews
Clear filtersThere are no reviews yet.