Nirmal Dhara Dharm Ki (PB)
₹75
ISBN: 978-81-7309-8
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Description
यह पुस्तक विपश्यना-ध्यान-योग की कल्याणकारी विद्या के यशस्वी आचार्य श्री सत्यनारायण गोयनका के चुने हुए लेख और विपश्चना-शिविर के दस दिनों के प्रवचनो का संकलन है। इस पुस्तक में अनेक साधकों के जीवन की वे अनुभूतियां दी गयी हैं, जो उन्हें विपश्यना की साधना से उपलब्ध हुई थीं। ये उपलब्धियां किसी भी जाति, धर्म अथवा विश्वास के साथ संबद्ध नहीं है। वे सब के लिए और सब समय के लिए दिशा-दर्शक तथा बोधप्रद हैं। अधिकांश प्रसंग इतने रोचक हैं कि उन्हें पढ़ने में कहानी का-सा आनंद आता है। पाठकों के मन पर तो उनकी बहुत गहरी छाप छूटती है। यह पुस्तक इतनी लोकप्रिय हुई कि कुछ ही समय में इसके एकाधिक संस्करण हो गये हैं और इसकी मांग बराबर बनी हुई है।
Additional information
Weight | 148 g |
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Dimensions | 21.5 × 13.5 × 3 cm |
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