सात काले कौवे
सात काले कौवे
चैकोस्लोवाकिया
मूल्य: 20.00 रुपए
‘सस्ता साहित्य मण्डल’ से हमने हिंदी तथा उसके परिवार की अन्य भाषाओं की चुनी हुई लोक-कथाओं की लगभग एक दर्जन पुस्तकें प्रकाशित की हैं। इन पुस्तकों की पाठकों ने भूरि-भूरि प्रशंसा की है। उनकी लोकप्रियता का अनुमान इस बात से किया जा सकता है कि उस माला की प्रायः सभी पुस्तकों के एकाधिक संस्करण हो गए हैं। इन कहानियों की लेखिका प्राग में रहनेवाली एक चेक बहन है, जो हिंदी की विदुषी हैं। हम उनके आभारी हैं कि उन्होंने मूल हिंदी में बड़ी ही सरल तथा रोचक लोक-कथाएं चित्रों सहित उपलब्ध कराई हैं। भारतीय तथा अन्य देशों की लोक-कथाओं को पढ़कर पता चलता है कि भाषा और रहन-सहन भिन्न होते हुए भी सभी देशों की भावनाएं, रुचियां तथा मनोरंजन के साधन प्रायः एक समान हैं। मानवीय धरातल पर सभी देशवासी एक-दूसरे से जुड़े हैं।
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