Sant Eknath
$1 – $3
Autor: HARIKRISHAN DEVSARE
Pages: 106
Edition: 2nd
Language: Hindi
Year: 2015, 2012
Binding: Both
- Description
- Additional information
- Reviews (0)
Description
भारतीय संत, कवियों, मनीषियों एवं राष्ट्रनायकों के जीवन-चरित्र एवं कृतित्व से आम पाठकों का परिचय कराने का कार्य पिछले 87 वर्षों से सस्ता साहित्य मंडल’ करता आया है। इस क्रम में हिंदी के अलावा अन्य भारतीय भाषाओं के संत साहित्य का प्रकाशन भी ‘सस्ता साहित्य मंडल द्वारा किया गया है। इस वर्ष हमने कुछ कवियों एवं संतों के जीवन-चरित्र को रोचक शैली में बाल एवं किशोर पाठकों को ध्यान में रखकर प्रकाशित करने का निर्णय लिया है। यह हमारे लिए अत्यधिक प्रसन्नता की बात है कि इस सीरिज का लेखन प्रसिद्ध साहित्यकार एवं बाल साहित्य विशेषज्ञ डॉ. हरिकृष्ण देवसरे कर रहे हैं। इस क्रम में प्रस्तुत है यह पुस्तक-संत एकनाथ।
भारतीय भक्ति साहित्य को जिन संतों, मनीषियों एवं कवियों ने मानवता के उच्च शिखर पर पहुँचाया उनमें महाराष्ट्र के संत ज्ञानेश्वर, संत तुकाराम के साथ-साथ संत एकनाथ जी का विशिष्ट स्थान है। एकनाथ द्वारा रचित ‘ भावार्थ रामायण’ भारतीय राम काव्य-परंपरा में एक महत्त्वपूर्ण ग्रंथ है। तुलसीदास जी ने भी अपनी पुस्तक ‘रामचरितमानस’ में ‘भावार्थ रामायण’ से काफी प्रभाव ग्रहण किया है। भक्ति को भगवान से बढ़कर माननेवाले गृहस्थ संत एकनाथ जातीय कर्मकांड एवं आडंबर के विरोधी थे। उन्होंने रुक्मिणी स्वयंवर’ में समाज में फैली बुराइयों, छुआछूत की समस्या आदि पर कठोर टिप्पणी की है। नि:संदेह यह पुस्तक हमारी सांस्कृतिक जड़ों को जानने और समझने में सहायक सिद्ध होगी।
Additional information
Weight | 190 g |
---|---|
Dimensions | 18,2 × 24 × 0,75 cm |
Book Binding | Hard Cover, Paper Back |
Reviews
There are no reviews yet.